मालदीव और लक्षद्वीप विवाद: यह विवाद तब शुरू हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप गये। और उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर छा गयी। कई बड़े सितारे और नेता, अभिनेता लक्षद्वीप पर्यटन को बढ़ावा देने लगें।
मालदीव और लक्षद्वीप का अर्थ क्या है?
मालदीव और लक्षद्वीप दोनो संस्कृत से उत्पति शब्द है। मालदीव का अर्थ दीपो का माला होता है और लक्षद्वीप का अर्थ दीपो को सैकङौ।
भारत मालदीव पंक्ति क्या है?
इसके बाद भारतीयों लोगो ने बायकाट मालदीव को बढ़ावा दिया। इंटरनेट पर जब यह बहुत ट्रेंड होने लगा तो मालदीव का तीन नेताओं ने भारत का विरोध किया। इसके बाद यह विवाद काफी तूल पकड़ लिया। हर साल 3 लाख से ज्यादा लोग मालदीप घूमने जाते हैं। जिससे मालदीप को बहुत अच्छी कमाई होती है।
लेकिन, इन सब के अलावा मालदीप विवाद के पीछे जियोपालिटिक्स एक बड़ा कारण है। चाइना के द्वारा मालद्वीप को बहुत ज्यादा कर्ज दिया गया है। और वह जब कर्ज के नीचे दब गया है तब चाइना के अनुसार मालदीप अपनी विदेश नीति बना रही है।
चीन भारत को घेरने के लिए पड़ोसी देशो पर किसी न किसी तरह से दबाव बना रहा है। अगर मालदीप का इतिहास देखे तो वह भी अंग्रेजी हुकुमत के अधीन रह चुका है। मालदीप 1965 में आजाद हुआ था। उसके बाद से वहाँ पे लोकतंत्र है।
कई बार मालद्वीप में त्तरख्तापलट होने की कोशिश हुई है। लेकिन हर बार नाकाम रहा है। सबसे बडा 1988 में हुआ था। जहाँ पर भारत की मदद से नाकाम किया गया। श्रीलंकार्ड आतंकवादी की मदद से 1988 में त्तरख्तापलट की कोशिश हुई थी पर उस समय ऑपरेशन कैक्टस’ की मदद से नाकाम किया।
भारत के लिए समुद्री इलाका का बहुत महत्व है। अभी भारत अपना दबदबा मजबूत करने के फिर मालद्वीप पर काफी ध्यान दे रहा है। वहाँ पर कई सारे योजनाएँ और परियोजना पर काम कर रही है। भारत के लाखो लोग इस समय मालद्वीप घूमने का योजना बना रही है। लोगो की दिलचस्प पढ़ रही है।
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