दोस्तों, आज का यह लेख भगवान राग और उनकी नगर अयोद्धा के बारे में है हम सभी जानते है कि अयोद्धा में भगवान राम का मंदिर बन रहा है। और 22 जनवरी 2024 को मंदिर में भगवान राम का प्राण-प्रतिष्ठा होने जा रहा है। यह वास्तव में पूरे भारतवासी के लिए खुशी का अवसर है।
पर अभी वर्तवान पर नजर को देखने से पहले छोटा सा इतिहास का झलक देख लेते हैं। अयोद्धा को पहले साकेत था। अयोद्धा सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है। अयोद्धा को भगवान राम के पूर्वजों ने बसाया था।
अयोद्धा में जहां पे भगवान राम का जन्मस्थान है। वहाँ पर इतिहास में कई बार मंदिर का निर्माण हुता और विदेशी आक्रमको के द्वारा उसको ढाया गया। औरंगजेब ने उस स्थान पर एक मस्जिद का निर्माण कराया था। जिसको 1992 में कारसेवको के द्वारा ढाया गया। और अब वर्षों बाद वहाँ पर भगवान राम का मंदिर का निर्माण हो रहा है।
भगवान राम के मंदिर के साथ-साथ पूरे अयोद्धा का कायाकल्प हो रहा है। अयोद्धा में नए एयरपोर्ट, रेलवे – स्टेशन, सरको का चोरीकरण, सौन्दर्यकरण और भी कई सारे चीजो का निर्माण हो रहा है। राम मंदिर के निर्माण से इतने सारे चीणो का निर्माण हो रहा है। इससे अर्थव्यवस्था जुड़ रही है। लोगो को रोजगार मिलेगा।
उत्तर प्रदेश में और भी कई धार्मिक जगह है जिन्हे उसी तर्ज पर विकास करने की जरुरत है। काशी -मथुरा जैसे जगह भी धार्मिक लोकप्रियता के लिहाज से विकास किया जा सकता है। अयोद्धा में राम मंदिर के निर्माण के अलावा भौर भी पहले से मौजूद मंदिरों को पुनः नवीकरण किया गया है। जिससे पूरी अयोद्धा एक नए अवतार में बसने जा रहा है।
प्रायः लोग किसी राष्ट्र और उन राष्ट्र के लोगो के विकास के लिए कई तरह के सुझाव देते रहते है। एक बुद्धिजीवि का हुजूम इसपर विचार करते रहते हैं। लेकिन राष्ट्र के विकास के लिए जरूरी है की वे अपने किस विरासत, धारोहर, संस्कृति, सभ्यता आराधना और गौरवशाली इतिहास को लेकर चलें।
कई लोग अपने इतिहास को दंतकथा समझ कर छोड़ देते है। ऐसे लोग और ऐसे राष्ट्र का निर्माण कभी संभव नही हो सकता है। अयोद्धा का राम मंदिर हमारे इतिहास और विरासत का प्रतीक है। और हमें उम्मीद है कि इससे राष्ट्र के साथ लोगो का विकास जुड़ा हुआ है
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