वातावरण में नमी होने के कारण इनका जाला खराब हो जाता है। और ये मानसून की मौसम आने तक गायब हो जाती है।
आसमान में छाये बादल को देख कर मोर पंख फैला-फैला कर नाचने लगते है।
जमीन के नीचे नमी बढ़ने से परेशान चीटिया अपने बिल से बाहर आने लगते हैं।
बिल्लियां, कुत्ते, खरगोश जैसे पालतू जानवर अपने पंजों से आँखों और चेहरे की सफाई करते हैं। जिससे हवा की कम आवाजे जाएं
जमीन के नीचे रहनेवाले छोटा से बीटल को बारिश में बह जाने का खतरा रहता है। इसीलिए बड़े पत्थर के चीचे छिप कर बारिश के पानी में वह जाने से बचते हैं।
वातावरण में नमी होने पर इन्हें बारिश का अंदेशा हो जाता है। और ये अचानक से गायब हो जाती है।
करी गरमी के बाद नमी और उमस भरे-मॉनसून के मौसम में मक्खियाँ ठंडक महसूस करती है। और मौका देख कर घर में घुस आती है।