जानिये  क्लाउडबर्स्ट या बादल फटने के बारे में तबाही मचा रहे हैं गांव और शहरों में

सूर्य की गर्मी के कारण झीलें, तालाबों, नदियों और समुंद्र का पानी एवापोरेट यानी वाष्पित होता रहता है।

पानी के यह छोटे-छोटे वाष्पकन हवा के साथ धरती से करीब 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर आसमान में इकट्ठे होकर बादल का रूप ले लेते हैं।

ये बादल पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज वाले होते हैं। जब यह आपस में टकराते हैं। तो इन में बिजली चमकती है और रुका हुआ पानी बारिश की बूंदों के रूप में धरती पर गिरता है।

जब बादलों से यह पानी बुंद बुंद न गिर कर, एक साथ बहुत तेजी से धरती पर आ गिरता है। तो उसे बादल फटना या क्लाउडबर्स्ट कहते हैं।