पानी के यह छोटे-छोटे वाष्पकन हवा के साथ धरती से करीब 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर आसमान में इकट्ठे होकर बादल का रूप ले लेते हैं।
ये बादल पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज वाले होते हैं। जब यह आपस में टकराते हैं। तो इन में बिजली चमकती है और रुका हुआ पानी बारिश की बूंदों के रूप में धरती पर गिरता है।